सरस्वती विद्या मंदिर,गोविंदनगर
गोविंदनगर बनखेडी जिला-होशंगाबाद
संपर्क - प्रबंधक , श्री पवन शर्मा 9575801341
संपर्क - प्राचार्य , श्री भवानी पाराशर 9575136279
कक्षा ६ से 12 तक
http://bbslgovindnagar.org/Home.aspx
गोविन्द नगर प्रकल्प-
भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोकन्यास गोविन्द नगर द्वारा होशंगाबाद जिले के पलिया पिपरिया स्थान पर समग्र ग्राम विकास का प्रकल्प संचालित है। सामाजिक क्षेत्र में शिक्षा स्वास्थ्य, स्वावलम्बन की दृष्टि से अनेक गतिविधियाँ निरंतर जारी है। इनमें ग्राम ज्ञानपीठ, गौ-विज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र, उद्यानिकी, ग्राम विकास गतिविधियाँ, विद्यालय एवं छात्रावास, व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र प्रमुख हैं। सत्र 2014-15 में अनेक गतिविधियाँ इन केन्द्रों पर सम्पन्न हुई है जिसकी जानकारी निम्नानुसार है-
ग्राम ज्ञानपीठ -
भारत की प्राचनी विद्याओं को संरक्षित करने की दृष्टि से विगत वर्षों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर-कार्यवाह श्री भैया जी जोशी द्वारा ग्राम ज्ञानपीठ का प्रारम्भ किया गया था। जिसमे ंवर्तमान में माटी शिल्प, धातु शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोबर शिल्प एवं लोहा शिल्प का प्रशिक्षण एवं निर्माण किया जा रहा है। शासन के विभिन्न संस्थानों के माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन भी ग्राम ज्ञानपीठ पर हो रहा है। इसमें विशेषकर बाँस से निर्मित वस्तुओं का प्रशिक्षण होता है। लगभग 25 एकड़ भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के बाॅंस उपलब्ध है।
गौ-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र-
सत्र 2013 में प्रारम्भ गौ-विज्ञान व अनुसंधान केन्द्र पर गौवंश के संरक्षण वं संवर्धन हेतु इस वर्ष गौ-पालकों के सम्मेलन एवं प्रशिक्षण आयोजित किए गए। गौ-वंश नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन, गौ-वंश का स्वास्थ्य परिक्षण, निःशुल्क दवा वितरण जैसी गतिविधियाँ भी सम्पन्न हुई है। आगामी योजनाओं में कृषि क्षेत्र में जैविक कृषि को प्रधानता देते हुए मक्का एवं धान का उत्पादन तथा शेहतूत एवं रेशम के उत्पादन पर भी कार्य प्रारम्भ हो रहा है।
ग्राम विकास गतिविधियाँ-न्यास द्वारा आस-पास के 20 गाँवों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया। 21 गाँवों में संस्कार केन्द्रों का संचालन हो रहा है। ग्रामों की समस्याओं का समाधान करने की दृष्टि से ग्राम के युवाओं की ग्राम विकास समिति बनाकर उन्हें यथोचित सहयोग दिया जा रहा है। आस-पास के ग्रामों में अध्यात्म के पति रूचि बढ़े इस दृष्टि से रामकथा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष परम् पूज्य अतुलकृष्ण जी भारद्वाज द्वारा रामकथा की गयी।
विद्यालय एवं छात्रावास-
न्यास द्वारा गठित सरस्वती ग्रामोेदय शिक्षा विकास समिति के माध्यम से एक विद्यालय का संचालन भी हो रहा है। जिसमें कक्षा पूर्वार्द्ध से द्वादशी तक 823 भैया-बहिन अध्ययनरत् हैं। भैया बहिनों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्ण सुविधा एवं संसाधन युक्त भवन, खेल मैदान, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय उपलब्ध हैं। समिति द्वारा संचालित विद्यालय में छात्रावास भी है जिसमें 31 भैया रहकर अध्ययन कर रहे हैं। समिति द्वारा एक विशिष्ट आयाम आदर्श शिशुवाटिका है जो गत् सत्र से प्रारम्भ हुई है। विद्याभारती की शिशुवाटिका संकल्पना के आधार पर मध्यभारत प्रान्त की चयनित शिशुवाटिकाओं में गोविन्द नगर भी है। पूर्णतः स्वतंत्र भवन एवं आचार्य-दीदी के साथ बारह आयामों को आदर्श स्वरूप उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।
व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र-
न्यास द्वारा कौशल विकास उन्नयन की योजना भी की गयी है। क्षेत्र के बेरोजगार युवक युवतियों एवं विद्यालयों में अध्ययन छोड़ चुके छात्रों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने व स्वावलम्बन की ओर बढ़ाने के लिये भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण हेतु संस्थान ने प्रशिक्षण प्रारम्भ किये है। इन प्रशिक्षणों के माध्यम से भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र शासकीय एवं अशासकीय सेवाओं के लिए लाभकारी होंगे। इन प्रशिक्षणों से न केवल बेरोजगारी की समस्या होगी बल्कि प्रदेश में कौशलयुक्त जनशक्ति तैयार होगी।
गोविन्द नगर प्रकल्प:-
1. छात्रावास संचालन- 33 भैया अध्ययनरत।
2. गौशाला संचालन।
3. औषधि उत्पादन- 6 एकड़ भूमि पर लगभग 25 प्रकार की जड़ी बूटियां एवं औषधियां तैयार की जाती है।
4. जैविक खाद एवं जैविक खेती का प्रशिक्षण- वर्ष में चार बार कृषकों के बड़े सम्मेनल आयोजित किये गये जिसमें जैविक खेती के लिए 900 कृषकों का प्रशिक्षण दिया गया।
5. बाँस अनुसंधान एवं प्रशिक्षण- बाँस प्रशिक्षण के बाँस से निर्माण होने वाली सामग्री का निर्माण करना एवं लगभग 1200 लोग स्वरोजगार चला रहे है।
6. संस्कार केन्द्र संचालन- क्षेत्र के 3 कि.मी. सीमा में 21 संस्कार केन्द्र संचालित किये जा रहे है।
7. स्वास्थ्य परीक्षण शिविर-माह में एक बार निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया जाता है।
8. नेत्र शिविर आयोजन- वर्ष में एक बार निःशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया जाताहै।